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भागलपुर, बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के मास्टर जी की छुट्टियों में कटौती कर दी है अब से दिसंबर तक विभिन्न पर्व त्योहार पर स्कूल में 23 छुट्टियां घोषित थी अब यह घटकर 11 कर दिया गया है, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के निर्देश पर प्रारंभिक से उच्च विद्यालयों तक की छुट्टियों में कटौती करने का आदेश जारी किया गया है ।
वही इस आदेश को पारित होने के साथ ही रक्षाबंधन में आज सभी सरकारी विद्यालय खुले रहे लेकिन डेक्स बेंच धूल फटी रही कोई भी बच्चे विद्यालय नहीं आए, एक तरफ जहां सरकारी आदेश का पालन करते हुए शिक्षक अपने कार्यालय में मौजूद थे और बच्चों के इंतजार में आंख गड़ाए हुए थे वहीं दूसरी ओर शिक्षक अपने परिवार के साथ रक्षाबंधन नहीं मना सके उसमें कहीं ना कहीं आक्रोश भी दिख रहा था। वही भागलपुर के सरयू देवी बालिका इंटर स्कूल में एक अलग ही नजारा देखने को मिला, विद्यालय में जब बच्चे नहीं आए और शिक्षक शिक्षिकाएं अपने भाई बहन को राखी नहीं बांध सके तो शिक्षक ने विद्यालय को ही अपना बहन माना और शिक्षिकाएं अपने विद्यालय को.

भाई माना और विद्यालय की ही रक्षा करने के लिए सभी शिक्षक शिक्षिकाओं नें मिलकर विद्यालय के मुख्य गेट पर ही राखी बांधा और प्रण लिया कि अब हमारा भाई और बहन हमारा विद्यालय ही है हमें अपने विद्यालय की सुरक्षा करनी है। वही बिहार शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में कटौती को लेकर शिक्षिका में काफी आक्रोश देखा गया उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम लोग कई वर्षों से विद्यालय से जुड़े हुए हैं ऐसा फरमान आज तक जारी नहीं हुआ था अगर पर्व त्यौहार में छुट्टी नहीं दी जाएगी तो फिर आज के युवा पर्व त्यौहार का महत्व कैसे जानेंगे और कैसे पुरा परिवार जो दूर-दूर रहते हैं एक साथ एकजुट होकर कैसे और कब मिल पाएंगे यह कहीं से सही नहीं है, सरकार का आदेश है विद्यालय खोलने का तो हम लोग आए हुए हैं लेकिन बच्चे एक भी विद्यालय में नहीं है जिसके चलते मिड डे मील का खाना भी आज हम लोगों ने लौटा दिया वह खाना भी बर्बाद होगा, हमारी सभ्यता संस्कृति धर्म और परंपरा लोग पर्व त्योहार से ही जानते हैं अगर उसमें छुट्टी नहीं दी गई तो शायद यह सब कुछ बहुत जल्द खत्म हो जाएगा।

वही सरयू देवी बालिका इंटर स्कूल की प्रचार्या ने कहा कि हम लोग आज रक्षाबंधन के दिन विद्यालय आए लेकिन बच्चे एक भी नहीं आए हम लोग अपने भाई को राखी नहीं बांध सके तब यहां के शिक्षकों ने अपने विद्यालय को अपना बहन और शिक्षिकाओं ने अपने विद्यालय को भाई मानकर विद्यालय को ही हम लोगों ने राखी बांधा और प्रण लिया कि अपने विद्यालय की सुरक्षा करनी है वही बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में छुट्टी के कटौती की जो इस तरह की घोषणा की है यह सही नहीं है सरकार नियम बनाई है उसका नियम पालन करना है हम लोग नियम पालन कर रहे हैं लेकिन बच्चे एक भी विद्यालय में मौजूद नहीं है। ऐसी छुट्टी कटौती करने का कोई मतलब नहीं बनता है।

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