

भागलपुर से मिली समाज को नई दिशा देने वाली मिसाल
भागलपुर में एक शादी इन दिनों चर्चा का विषय बन गई है—वजह है उसमें जोड़ा गया “आठवां वचन”, जो जीवन रक्षा का संकल्प है। शहर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ और “मैन ऑफ अवेयरनेस” के नाम से पहचाने जाने वाले डॉ. अजय कुमार सिंह की बेटी की शादी एक अनोखी पहल की गवाह बनी।
डॉ. सिंह, जो जीवन जागृति सोसायटी के अध्यक्ष भी हैं, ने वैवाहिक रस्मों में एक अनूठा जोड़ किया। आम तौर पर विवाह में सात वचन लिए जाते हैं, लेकिन इस विवाह में नवदंपति ने आठवां वचन लेकर समाज को एक जागरूक संदेश दिया। इस वचन में हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, नशे में वाहन न चलाने, रक्तदान, अंगदान और समाज में जागरूकता फैलाने जैसे जीवन रक्षा से जुड़े संकल्प शामिल किए गए।
यह आठवां वचन हिंदी और संस्कृत में शादी के कार्ड पर छापा गया और दूल्हा-दुल्हन ने इस पर डिजिटल हस्ताक्षर कर इसे स्वीकार किया। खास बात यह रही कि वैवाहिक संस्कारों को संपन्न कराने वाले पंडित रविंद्र कुमार झा ने भी इस वचन को पूरी गरिमा से विवाह का हिस्सा बनाया।
डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया, “शादी जीवन की नई शुरुआत होती है, और अगर इस मौके पर जीवन रक्षा का संकल्प लिया जाए, तो यह समाज के लिए प्रेरणास्पद बन सकता है।”
बाइट – डॉ. अजय कुमार सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ
“हम चाहते हैं कि यह पहल एक आंदोलन बने, और हर विवाह में ऐसा संकल्प लिया जाए।”
बाइट – प्राची (दुल्हन)
“मुझे गर्व है कि हमारी शादी समाज में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत बन रही है।”
बाइट – पंडित रविंद्र कुमार झा
“मैंने पहली बार विवाह में ऐसा वचन पढ़वाया, और मुझे भी लगा कि ये युग के अनुरूप आवश्यक है।”
यह शादी अब सिर्फ एक पारिवारिक आयोजन नहीं रही, बल्कि समाज में सुरक्षा और जागरूकता का प्रतीक बन गई है।