


नवगछिया : विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के तत्वावधान में जलज परियोजना के अंतर्गत लक्ष्मीपुर गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को कछुओं के संरक्षण, उनके आवास की रक्षा और प्लास्टिक प्रदूषण जैसे खतरों के बारे में जानकारी देना था।
जलज परियोजना के असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर राहुल कुमार राज ने बताया कि हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कछुओं की घटती संख्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके पुनर्वास एवं बचाव के लिए लोगों को प्रेरित करना है।

कार्यक्रम के तहत लक्ष्मीपुर गांव में पद यात्रा आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीणों और युवाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान स्लोगन और नारे लगाकर लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही एक निजी कोचिंग के विद्यार्थियों को वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से कछुए के रेस्क्यू व संरक्षण की जानकारी दी गई।
राहुल कुमार ने बताया कि भागलपुर वन विभाग के तहत एक विशेष रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है जहाँ घायल कछुओं का उपचार कर उन्हें दोबारा उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि कछुए एक स्वस्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन प्लास्टिक प्रदूषण, रेत खनन और जलवायु परिवर्तन जैसे कारकों के कारण इनका जीवन संकट में है।
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों और प्रतिभागियों ने कछुआ संरक्षण का संकल्प लिया। इस आयोजन में 150 से अधिक ग्रामीणों और युवाओं, गंगा प्रहरी, तथा शिक्षक मुकेश कुमार शर्मा की विशेष सहभागिता रही।
