


जन वितरण प्रणाली से जुड़े सभी परिवारों को स्वयं सहायता समूह में शामिल करने हेतु चलाया जा रहा है विशेष अभियान
भागलपुर। जन-वितरण प्रणाली से जुड़कर प्रतिमाह राशन का लाभ लेने वाले सभी परिवारों को अब जीविका स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिले में राशन कार्ड धारी सभी परिवारों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के उपरांत अब तक समूह से नहीं जुड़ने वाले राशन कार्ड धारक परिवारों को अब जीविका स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जाएगा। जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक सुनिर्मल गरेन ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 5 लाख 32 हजार 630 परिवारों की सूची प्राप्त हुई है, जिन्हें प्रतिमाह राशन प्राप्त हो रहा है। सूची में दर्ज इन सभी परिवारों का घर-घर जाकर सर्वे किया जाना है। उन्होंने बताया कि स्थानीय ग्राम संगठन के नेतृत्व में सामुदायिक संसाधन सेवियों या जीविका मित्रों के द्वारा ऐसे परिवारों का सर्वे करते हुए उन परिवारों की पहचान की जाएगी, जो अब तक समूह से नहीं जुड़े हैं। इसके बाद ऐसे परिवारों को जीविका समूह से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में इस समय तक 3 लाख 39 हजार 650 परिवार जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़े हैं। अब उपरोक्त सूची के अनुसार सभी राशन कार्ड धारक परिवारों की महिला सदस्य को समूह से जोड़ने की पहल की जा रही है।

जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़े सभी परिवारों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए भी विशेष पहल की जा रही है। छूटे हुए सभी परिवारों को राशन कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड के अलावा आवास योजना का लाभ दिलाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु पिछले चार दिनों से चलाए गए विशेष अभियान में बड़ी संख्या में जीविका दीदियों को उन्मुख करते हुए अपना एवं अपने परिवार के सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनवाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। परिणामस्वरूप पिछले दो दिनों में जिले में बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। इसके अलावा कैडर के रूप में काम करने वाली जीविका दीदियों को भी ऑन लाइन आयुष्मान कार्ड बनाने का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे समूह की दीदियों के घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बना सकें। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में छूटे हुए गरीब परिवारों को जीविका स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत जिले में पिछले एक माह में 414 नए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों से कुल 5560 परिवारों को जोड़ा गया हैै। इसी प्रकार महदलित टोले में भी छूटे हुए परिवारों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इससे 953 परिवारों का समूह से जुड़ाव किया गया। सामुदायिक संगठनों के निर्माण से बिहार की महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण हुआ है। सरकार समूह से जुड़ी महिलाओं के रोजगार एवं उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कई प्रकार के कदम उठा रही है। यही कारण है कि समूह के माध्यम से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
