


मजदूरों के हक की लड़ाई में एकजुट हुए विभिन्न संगठन, सरकार पर लगाए श्रम विरोधी नीति अपनाने के आरोप
भागलपुर: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए लेबर कोड्स के विरोध में 20 मई को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल की तैयारी को लेकर भागलपुर के काजवलीचक स्थित सेवा कार्यालय में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त जिला स्तरीय कन्वेंशन आयोजित किया गया। इस कन्वेंशन में ऐक्टू, एटक, सीटू, सेवा और इंटक सहित विभिन्न मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कन्वेंशन में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए श्रम कानून मजदूरों के अधिकारों को छीनने का षड्यंत्र हैं। ये कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने और मेहनतकशों को गुलामी की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं।
राज्य व जिला सचिव (ऐक्टू) मुकेश मुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि “20 मई की हड़ताल केवल एक विरोध नहीं, बल्कि मजदूरों के हक और सम्मान की निर्णायक लड़ाई है।” उन्होंने सभी ट्रेड यूनियनों, जन संगठनों और कर्मचारियों से इस हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने की अपील की।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि यदि सरकार ने श्रम विरोधी नीतियों को वापस नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। कन्वेंशन के अंत में सभी संगठनों ने एकजुट होकर 20 मई की आम हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया।