


भागलपुर जिले में अब तक 345 ग्राम संगठनों में हो चुका है संवाद का आयोजन
भागलपुर। मैंने पहले कभी घर के बाहर कदम नहीं रखा था, लेकिन आज मैं धड़ल्ले से अपना सारा काम करती हूं। जीविका ने मुझे इतनी हिम्मत, हौसला और साधन दिया है कि आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हो सकी हूं। कहलगांव प्रखंड के प्रशस्तडीह पंचायत की रहने वाली मंजू देवी आज जीविका द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में अपने विचार प्रकट कर रही थी। इसी तरह कोदवार पंचायत की रहने वाली काजल कुमारी आज सरकार से प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही है। वह शिक्षक बनना चाहती है,

जिससे लड़कियों में शिक्षा का प्रसार कर समाज में ज्ञान की रौशनी फैला सके। मंजू देवी और काजल कुमारी जैसी अनेक महिलाएं और लड़कियां हैं, जिन्होंने बिहार सरकार द्वारा संचालित अनेकों योजनाओं का लाभ लेकर अपने जीवन को संवारा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की योजनाओं में बिहार की फिजा बदली है। कभी अपने बारे में भी नहीं सोच पाने वाली महिलाएं अब अपने राज्य के विकास को लेकर आकांक्षाओं की लंबी उड़ान भर रही हैं। उनकी आकांक्षाओं में बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर स्थानीय मुद्दे तक शामिल हैं।

दरअसल महिला संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हो रही महिलाएं संवाद को नए स्तर पर पहुंचा रही हैं। वे अपनी स्थानीय मुद्दों पर मंथन करती है। वे अपने क्षेत्र के लिए बेहतर स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा और सबके लिए रोजगार की व्यवस्था चाहती हैं। जिले में पिछले 12 दिनों से लगातार चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम में अब तक 75 हजार से अधिक महिलाएं हिस्सा ले चुकी हैं। संवाद में महिलाओं के साथ साथ पुरुष और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।
