


नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रंगराचौक प्रखंड के सधुआ ग्राम स्थित गुप्ता विवाह भवन में वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने अपने माता-पिता—स्व. सरस्वती देवी एवं स्व. धनेश्वर प्रसाद गुप्ता—की तृतीय पुण्यस्मृति पर संतमत सत्संग का भव्य आयोजन किया। इस सत्संग में महर्षि मेंहीं भागवत धाम, शेरमारी पीरपैंती के संस्थापक आचार्य स्वामी भागवतानंद जी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
मुख्य प्रवक्ता आचार्य स्वामी भागवतानंद जी महाराज ने कहा कि माता-पिता की पुण्यस्मृति पर सत्संग करने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। उन्होंने अपने स्वरचित भजन “मेंहीं बाबा लिहले जनमवां हो बाबू बबूजन अंगनवां” की संगीतमय प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

संस्कृताचार्य डॉ. शिवनाथ रविदास उर्फ चहकनाथ भागलपुरी ने अपने प्रवचन में कहा कि केवल मनुष्य शरीर ही ऐसा है जिसमें मुक्ति का मार्ग संभव है, देवताओं तक को यह सुविधा प्राप्त नहीं है। सेवक ब्रह्मचारी हरीश बाबा ने भी अपने भक्ति रस से कार्यक्रम को विशेष ऊंचाई दी।
आयोजकों में वीरेंद्र गुप्ता, बबिता गुप्ता, नैन्सी गुप्ता, राहुल गुप्ता और नैनी गुप्ता ने श्रद्धालुओं का आत्मीय स्वागत व सेवा-सत्कार किया। कार्यक्रम में संतोष बाबा, महेंद्र दास, सुभाष दास, सुबोध यादव सहित सैकड़ों श्रद्धालु, भाई-बंधु, माताएं और बहनें मौजूद थीं। अंत में श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद व भंडारे का वितरण किया गया।
