


नवगछिया : आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब देना देशहित में जरूरी था। देश की जनता लगातार यह मांग कर रही थी कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए। उक्त बातें सेवानिवृत्त थल सेना नायक चंद्रिका प्रसाद यादव ने कही हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पाकिस्तान में बेगुनाह लोगों को उनकी जाति पूछकर मारा गया, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। हर वर्ग और समुदाय के लोग इस घटना से आक्रोशित थे और पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहते थे। ऐसे में भारत द्वारा चलाया गया “ऑपरेशन सिंदूर” पाकिस्तान को दिया गया सटीक और करारा जवाब है।
चंद्रिका प्रसाद यादव ने बताया कि उन्होंने अप्रैल 1991 में थल सेना में भर्ती ली थी। कटिहार में ज्वाइनिंग के बाद उन्हें लखनऊ भेजा गया। इसके बाद देश के कई सीमावर्ती क्षेत्रों में उन्होंने सेवा दी। वर्ष 1997 में वे जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर पर तैनात थे, जहां पाकिस्तान अक्सर भारतीय जवानों को उकसाने की कोशिश करता था। कई बार हालात युद्ध जैसे बन जाते थे।
उन्होंने याद करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के समय भी सभी सैनिकों को सतर्क कर दिया गया था। पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए यह आवश्यक था कि उसे उसके किए की सजा मिले। उन्होंने 1 मई 2008 को सेवानिवृत्त हुए।

सेवानिवृत्त सैनिक ने यह भी कहा कि जब देश सुरक्षित होगा तभी नागरिक सुरक्षित रहेंगे। इसलिए पाकिस्तान जैसे आतंकी प्रवृत्ति वाले देश के खिलाफ सख्त कार्रवाई राष्ट्रहित में है।
