


भागलपुर। रेशम भवन के 54 स्टॉल्स को भागलपुर के बुनकर और उद्यमियों को मार्केट प्लेस के रूप में दिया गया। यह स्टॉल एक महीने के लिए निःशुल्क दिया जा रहा है, जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए किराए के आधार पर उनसे किराया लिया जाएगा। जिला पदाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी के कर कमलों से मंगलवार को फीता काटकर इसका उद्घाटन किया गया। यह स्टॉल एक महीने के लिए मुफ्त में दिया जा रहा है, जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए किराए के आधार पर उनसे किराया लिया जाएगा। इस अवसर पर कुछ कागजी प्रक्रियाएं जैसे कि किराया नामा आदि भी बनवाए जाएंगे। यह पहल जिला प्रशासन द्वारा बुनकर और उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है,

हस्तकरघा और पावर लूम बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा रेशम भवन में स्टॉल्स प्रदान किए जा रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य हस्तकरघा और पावर लूम बुनकरों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करना है, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे सकें और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें। इस अवसर पर बुनकरों एवं रेशम से जुड़े उद्यमियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उसके स्वरूप एवं डिजाइन में आमूल चूल परिवर्तन करना होगा। रेशम वस्त्र की मांग विश्व भर में है, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश इसका बहुत बड़ा बाजार है, इसके साथ ही इसे अन्य देशों में भी निर्यात किया जा सके, इस कदर इसे विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए इसके स्वरूप और डिजाइन में परिवर्तन करना होगा। श्रावणी मेला के दौरान यहां लगभग 2 करोड़ श्रद्धालु आते हैं, उनके वस्त्र के लिए भी डिजाइन किया जा सकता है।

यह रेशम बुनकरों एवं उद्यमी उद्यमियों को सोचने की जरूरत है। श्रावणी मेला के दौरान रेशम वस्त्र का अच्छा व्यवसाय किया जा सकता है। उन्होंने एसबीआई के अधिकारियों से भी इस संबंध में वार्ता की है कि रेशम से जुड़े व्यवसाय को सुल्तानगंज में बढ़ावा दिया जाए। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि रेशम की मांग विश्व भर में है भागलपुर की पहचान रेशम से है, आज प्रतियोगिता का बाजार है इसलिए अपने रेशम वस्त्र उत्पाद और उसकी डिजाइन को बेहतर बनाना होगा। कार्यक्रम का संचालन महाप्रबंधक उद्योग खुशबू कुमारी ने किया।
