


राइजिंग वॉइसेस द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंगिका कार्यशाला संपन्न, तीस युवाओं ने सीखे डिजिटलीकरण के गुर
भागलपुर। विलुप्त होती भाषाओं के संरक्षण हेतु कार्य कर रही अंतरराष्ट्रीय संस्था गूगल वॉइसेज के अंतर्गत राइजिंग वॉइसेस द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंगिका डिजिटाइजेशन कार्यशाला का समापन मंगलवार को श्री गौशाला परिसर में हुआ।

कार्यशाला में प्रशिक्षक अमृत सूफी ने प्रतिभागियों को बताया कि अंगिका भाषा के डिजिटलीकरण का कार्य अब युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा। अंगिका साहित्य—चाहे वह लिखित हो या मौखिक—सब कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संरक्षित और प्रचारित किया जाएगा। उन्होंने टूल्स, केस स्टडीज़, संभावनाएं, विस्तारीकरण, एआई की भूमिका और एक रोडमैप तैयार करने की तकनीकी जानकारी प्रतिभागियों को दी।
अमृत सूफी ने कहा कि अंगिका भाषा के सोलह संस्कारों के गीतों पर विशेष रूप से कार्य किया जाएगा, जिससे अगली पीढ़ी को अपनी मातृभाषा से जोड़ा जा सके।

कार्यक्रम के संयोजक और युवा साहित्यकार कुमार गौरव ने बताया कि तीस युवाओं की टीम अंगिका के शब्दकोष को विकिमीडिया, विकिपीडिया, विकीकॉमन्स आदि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में अंगिका में प्रकाशित पुस्तकों को इन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यक्रम में दोनों दिन जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी अंकित रंजन, साहित्यकार डॉ. अमरेंद्र, मंजूषा कलाकार उलूपी झा, कवि शिरोमणि, मनोज कुमार माही, डॉ. प्रदीप प्रभात की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन कुमार गौरव ने किया जबकि आयोजन को सफल बनाने में पूर्णेंदु चौधरी, कुमार आनंद, सूरज भारती, सूरज जयसवाल, ज्योति सिन्हा, रिया, मानसी, अर्पिता, सरस्वती, श्वेता भारती व श्वेता सुमन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। समापन अवसर पर काव्य पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
