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भागलपुर। केंद्र सरकार द्वारा देशभर में जातिगत जनगणना कराए जाने के फैसले को लेकर शुक्रवार को जिला अतिथिगृह सभागार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस मौके पर एनडीए के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ सभी घटक दलों के जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहे।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जनता दल यूनाइटेड बिहार प्रदेश के सचिव पप्पू सिंह निषाद ने केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना की और कहा कि यह फैसला वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है और इसकी शुरुआत सबसे पहले बिहार से हुई।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब भी इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। कांग्रेस के नेता सिर्फ मशीन में आलू डालकर सोना निकालने की बात करते हैं, लेकिन सामाजिक हकीकत की समझ उनमें नहीं है। उन्होंने कहा कि नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तीनों के कार्यकाल में जातिगत जनगणना की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।

पप्पू सिंह निषाद ने कहा कि यह केवल आंकड़े इकट्ठा करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, समानता और समावेशी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इससे सरकार को यह जानने में सहायता मिलेगी कि किन वर्गों को कितनी सहायता की ज़रूरत है और सरकारी योजनाओं का लाभ कहाँ तक पहुँच रहा है।

प्रेस वार्ता के दौरान एनडीए नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया और इस निर्णय को देश के सामाजिक ढांचे को मजबूत करने वाला बताया। नेताओं ने कहा कि यह निर्णय भविष्य की नीतियों और योजनाओं को अधिक प्रभावशाली और न्यायसंगत बनाएगा।

मंच पर एनडीए के सभी घटक दलों के जिलाध्यक्ष– जदयू जिला अध्यक्ष विपिन बिहारी सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष शाह, संजय राम, अजय राय तथा जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव अर्पणा कुमारी भी उपस्थित थीं। सभी ने एकमत होकर इस फैसले का समर्थन किया और इसे सामाजिक समरसता की दिशा में बड़ा कदम बताया।

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