


भागलपुर वन प्रमंडल के सुंदरवन परिसर में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार महतो की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रमंडलीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर भागलपुर, बांका, मुंगेर, अररिया, सुपौल और जज्झा वन प्रमंडलों के वन पदाधिकारी एवं क्षेत्रीय अधिकारी मौजूद थे। सभी वनकर्मियों के साथ योजनाओं की समीक्षा की गई।
मंत्री के द्वारा सुंदरवन परिसर में वृक्षारोपण किया गया। इसके साथ ही विक्रमशिला गंगेय डॉल्फिन आश्रयणी में 24 सीटर मोटर बोट का विधिवत उद्घाटन भी किया गया। यह बोट गंगा नदी की सफाई और ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक होगी। साथ ही 10 सीटर सेल टर्टल को उनके प्राकृतिक अधिवास में छोड़ा गया, जिससे जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके।
इस अवसर पर राज्य नोडल पदाधिकारी, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक, भागलपुर वन प्रमंडल पदाधिकारी, बांका, सुपौल, जज्झा, मुंगेर के वन प्रमंडल पदाधिकारी, वनपाल, वनरक्षी तथा सभी वनकर्मी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि बिहार में हरित आच्छादन क्षेत्र में 15.5% की वृद्धि हुई है, जिसे आगे और बढ़ाने के लिए इको टूरिज्म को विकसित किया जाएगा।

मंत्री ने जानकारी दी कि कुंडों की सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा और उनके ईको टूरिज्म हेतु शिलान्यास भी किया जाएगा। बताया गया कि बिहार में वर्तमान में 12.55% हरित आच्छादन वन क्षेत्र में और 3% शहरी क्षेत्र में है। इन तथ्यों को आमजन तक पहुँचाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
कार्यक्रम में कहा गया कि कहलगांव क्षेत्र भगवान विष्णु के अवतार स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और गंगा की सफाई में इसकी भूमिका अहम है। नई मोटर बोट के शुभारंभ से न केवल संरक्षण कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि गंगा तटवर्ती क्षेत्रों में पर्यावरणीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
