5
(1)

भागलपुर : बिहार की धरती एक बार फिर कृषि क्षेत्र में इतिहास रचने जा रही है। देश में लीची उत्पादन में 50% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले बिहार ने अब एक नया मुकाम हासिल किया है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने बिना बीज वाली सीड लेस ‘बेदाना’ लीची का सफलतापूर्वक उत्पादन किया है।

इस नई किस्म की लीची की खासियत है कि इसका आकार शाही लीची से बड़ा है और इसमें गूदा (पल्प) भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका बीज बेहद छोटा होता है, जिससे इसे खाना अधिक सुविधाजनक हो जाता है।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय ने भारत सरकार को बेदाना लीची के लिए GI टैग देने का अनुरोध पत्र भेजा है। डॉ. सिंह ने बताया कि शुरूआत में बेदाना लीची के मात्र 50 पौधे थे, लेकिन अब विश्वविद्यालय का फ्रूट रिसर्च विंग 250 से 300 पौधे तैयार करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।

डॉ. सिंह का मानना है कि जिस तरह से शाही लीची की मांग और बाजार मूल्य लगातार बढ़ रहा है, उसी तरह जब सीड लेस बेदाना लीची बाजार में आएगी, तो उसकी भी भारी डिमांड होगी और इसका बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट भी संभव हो पाएगा।

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: