


देशभर की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों — ऐक्टू, एटक, सीटू, सेवा और इंटक — के संयुक्त आह्वान पर सोमवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी कड़ी में भागलपुर में श्रम संसाधन विभाग परिसर स्थित उपश्रमायुक्त कार्यालय के समक्ष मजदूर संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारी और सैकड़ों की संख्या में श्रमिक शामिल हुए। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा, न्यूनतम वेतन की गारंटी, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा और ठेका प्रथा के खिलाफ आवाज उठाना था।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि महंगाई, निजीकरण और श्रम कानूनों में संशोधन के चलते मजदूरों की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। उन्होंने सरकार पर कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता देने और श्रमिकों की आवाज को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने कहा, “सरकार अगर श्रमिक विरोधी नीतियों को वापस नहीं लेती, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।”
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। मजदूर संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपश्रमायुक्त को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। सभी संगठनों ने इस बात की प्रतिबद्धता जताई कि वे मजदूरों के हक के लिए एकजुट होकर संघर्ष जारी रखेंगे।
