5
(1)

नवगछिया के रंगरा स्थित भवानीपुर में सोमवार को महर्षि दल बहादुर जी महाराज का जन्मोत्सव बड़े ही श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन उपेंद्र प्रसाद पोद्दार के आवास पर किया गया, जिसमें महर्षि मेंही आश्रम कुप्पाघाट, भागलपुर से स्वामी विद्यानंद जी महाराज, प्रसिद्ध भजन गायक फुल बाबा और महात्मा आलोक बाबा सहित कई संतगण उपस्थित रहे।

स्वामी विद्यानंद जी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि संतमत परंपरा में महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के अनेक तपस्वी शिष्य हुए हैं, जिनमें महर्षि दल बहादुर जी महाराज का स्थान अत्यंत ऊँचा है। नेपाल के मोरंग जिले में जन्मे दल बहादुर जी महाराज पहले पुलिस सेवा में थे। लेकिन गुरु भक्ति और साधना की ओर प्रेरित होकर उन्होंने सांसारिक जीवन त्याग दिया और गुरु सेवा में पूर्णतः समर्पित हो गए।

कार्यक्रम में उनके जीवन की प्रेरणादायक घटनाएं भी साझा की गईं, जैसे कि पुलिस ड्यूटी के दौरान एक रात्रि में उनकी खाट पर सोने वाले सिपाही को सपने में गुरु महाराज द्वारा चेतावनी दी गई, जिससे वह प्रभावित होकर बाबा की महानता को स्वीकार कर सका।

दल बहादुर जी महाराज की साधना और सेवा की भावना का जिक्र करते हुए बताया गया कि उन्होंने कुप्पाघाट, भागलपुर व धरहरा जैसे स्थानों पर वर्षों तक तपस्या की। वे कहा करते थे, “जब गुरु का बर्तन मांजते-मांजते मेरा मन भी मांज गया, तभी समझ आया कि सेवा ही साधना की पहली सीढ़ी है।”

88 वर्षों तक उन्होंने निष्ठापूर्वक गुरु सेवा और भक्ति में जीवन व्यतीत किया। उनकी सादगी, सात्विक जीवनशैली और भक्ति भावना आज भी श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: