


भागलपुर : कला केंद्र, भागलपुर में बुधवार को साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था साहित्य आंगन और शब्दों की दुनियां के संयुक्त तत्वावधान में अंगिका भाषा के समर्पित आंदोलनकर्मी कैलाश ठाकुर की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। सभा में वक्ताओं ने उन्हें “अंगिका के योद्धा” बताते हुए उनके योगदान को याद किया।
ज्ञात हो कि कैलाश ठाकुर का निधन 8 जून को पटना में लंबी बीमारी के बाद हो गया। वे पीरपैंती के मलिकपुर गांव निवासी थे और पूर्णिया डिवीजन में वाणिज्य कर के संयुक्त आयुक्त पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भागलपुर के छोटी खंजरपुर स्थित एस.एम. कॉलेज रोड पर निवास करते थे।

कार्यक्रम में टेक्नो मिशन स्कूल के संस्थापक ई. अंशु सिंह ने उन्हें “अंगिका के योद्धा” बताते हुए कहा कि वे निर्भीकता से सच कहने वाले और अंगिका के लिए जीवन समर्पित करने वाले व्यक्तित्व थे। वरिष्ठ छायाकार शशिशंकर ने कहा कि अच्छा काम करना उनकी आदत में शामिल था। शायर एकराम हुसैन शाद ने उन्हें पर्यावरण प्रेमी बताते हुए कहा कि सैंडिस कंपाउंड में उन्होंने कई पौधे लगाए।
मुंगेर से आए प्रो. अंजनी कुमार सुमन ने कहा कि शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद वे अंगिका के हर कार्यक्रम में जोश और उत्साह से भाग लेते थे। कवि डॉ. मनजीत सिंह किनवार ने कहा कि वे हमेशा सकारात्मक सोच रखते थे और युवाओं को प्रेरणा देते थे।

अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के राष्ट्रीय महासचिव सुधीर कुमार सिंह ने कैलाश ठाकुर के निधन को अंगिका आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति बताया। डॉ. कृष्णा सिंह ने कहा कि वे अनजान व्यक्ति से भी आत्मीयता से मिलते थे, जिससे पहली मुलाकात का अहसास नहीं होता था।
कार्यक्रम के संयोजक युवा कवि कुमार गौरव ने कहा कि कैलाश ठाकुर अंगिका विभाग की मूलभूत समस्याओं को लेकर बेहद चिंतित रहते थे। उन्होंने विभाग के लिए 50 कुर्सियां, दर्जनों पंखे, दो अलमारियां, आरओ वाटर सिस्टम आदि की व्यवस्था कराई। बीस वर्षों तक हिंदी विभाग में संचालित अंगिका विभाग को अलग भवन दिलवाने में उनका अहम योगदान रहा।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त मंजूषा कलाकार डॉ. उलूपी झा ने उन्हें फोन पर संवाद में हमेशा सक्रिय बताया। मृदुला सिंह ने कहा कि वे अपने कार्यों से सदा जीवित रहेंगे।
मौके पर युवा गीतकार पूर्णेंदु चौधरी, ग़ज़लगो मिथिलेश आनंद, संगीतकार सूरज भारती, भानु झा, गांधीवादी चिंतक सुधीर कुमार मंडल, नील राज, प्रीतम विश्वकर्मा, सच्चिदानंद किरण, ई. अजित कुमार सिंह समेत कई कवि, साहित्यकार, पत्रकार मौजूद रहे और सभी ने कैलाश ठाकुर के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
