



भागलपुर: कुंभ मेले में अपने साथियों से बिछड़ने के दो महीने बाद, 83 वर्षीय वकील मंडल आखिरकार अपने परिवार से मिल पाए — और यह संभव हो सका हैम रेडियो क्लब की कोशिशों से।
भागलपुर जिले के कहलगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत कुलकुलिया सैदपुरा गांव के निवासी वकील मंडल, दो महीने पहले अपने गांव के कुछ लोगों के साथ कुंभ स्नान के लिए गए थे। वहां भीड़-भाड़ और अफरा-तफरी के बीच वे अपने साथियों से अलग हो गए और भटकते हुए गलती से एक गलत ट्रेन में सवार होकर पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के श्रीरामपुर पहुंच गए।

वकील मंडल के पास न मोबाइल था, न कोई संपर्क सूत्र। वे श्रीरामपुर की सड़कों पर भटकते रहे, भूखे-प्यासे और बेहद कमजोर हालत में। स्थानीय लोगों ने जब उन्हें सड़क पर बेहाल हालत में देखा तो श्रीरामपुर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उन्हें तत्काल श्रीरामपुर वॉल्श अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दो महीने तक उनका इलाज चला।
शुरुआत में उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि वे बोलने तक की स्थिति में नहीं थे। लेकिन इलाज के बाद जब वे कुछ हद तक स्वस्थ हुए तो अस्पताल के सहायक अधीक्षक बासुदेव जोयारदार ने पश्चिम बंगाल हैम रेडियो क्लब से संपर्क किया।

हैम रेडियो क्लब की मेहनत लाई रंग
हैम रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि वकील मंडल से बातचीत कर उनका फोटो लिया गया और देशभर में फैले हैम रेडियो नेटवर्क के जरिए उनकी पहचान और परिजनों की तलाश शुरू की गई। भागलपुर जिले के भोलसर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि नीरज मंडल और पंचायत समिति सदस्य मनोज मंडल की मदद से आखिरकार उनकी पहचान हुई।
इसके बाद परिवार से संपर्क किया गया और सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके बेटे को कोलकाता बुलाया गया। मंगलवार को वकील मंडल को उनके बेटे को सौंप दिया गया।
परिवार को मिला ‘मरा हुआ’ समझा गया पिता
वकील मंडल के परिवार को लगा था कि वे कुंभ मेले की भगदड़ में मारे गए होंगे। उनके साथ गए लोग भी यही मानकर लौट आए थे। लेकिन हैम रेडियो की कोशिशों से एक खोया हुआ पिता फिर से अपने परिवार से मिल पाया।
वकील मंडल कुलकुलिया स्थित बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना में प्राइवेट चौकीदार के रूप में कार्यरत थे। उनकी पत्नी का निधन तीन साल पहले हो चुका है। उनके पांच बेटे हैं — इंद्र ऋषि, कमलेश्वरी, प्रमोद, सुबोध और महेंद्र।