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भागलपुर जिले के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत मधुरापुर बाजार में प्रशासनिक लापरवाही के कारण प्रतिदिन भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जाम की समस्या से न सिर्फ स्थानीय लोग परेशान हैं, बल्कि दूर-दराज से आने वाले ग्राहक और वाहन चालक भी घंटों तक फंसे रहते हैं।

शुक्रवार को जब बिहपुर अंचलाधिकारी लवकुश कुमार नारायणपुर अंचल कार्यालय जा रहे थे, तभी मधुरापुर बाजार में उनकी गाड़ी भीषण जाम में फंस गई। काफी प्रयास के बाद उनके अंगरक्षक और चालक ने रास्ता खाली कराया। इस दौरान भवानीपुर थाना को मोबाइल से सूचना देने के बावजूद पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। सीओ लवकुश कुमार ने नारायणपुर सीओ विशाल अग्रवाल को जाम की स्थिति से अवगत कराया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और फोन काट दिया।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, बाजार में फुटकर दुकानदारों, ठेला चालकों और अन्य वाहनों से प्रशासन की मिलीभगत से अवैध वसूली की जाती है। फल, सब्जी, पानीपूरी, आइसक्रीम आदि के ठेले सड़कों पर लगवाए जाते हैं, जिससे बाजार की सड़कों पर अतिक्रमण कर दिया गया है। यूको बैंक नारायणपुर, मछली हटिया, सब्जी मंडी और रेलवे फाटक के दोनों तरफ सैकड़ों टोटो और ऑटो बेतरतीब खड़े रहते हैं।

मधुरापुर बाजार से एनएच-31 जाने वाली सड़कें भी अतिक्रमण की चपेट में हैं, जहां ऑटो और टोटो जबरन सड़कों पर खड़े किए जाते हैं। बाजार में वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग सड़कों पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे सड़कों की चौड़ाई घट गई है और ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है।

शुक्रवार को मधुरापुर रेलवे फाटक के बंद होने से लगभग एक घंटे तक जाम लगा रहा। कड़ी धूप में वाहन चालकों और राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस बीच बिहपुर सीओ की गाड़ी भी जाम में फंस गई, लेकिन पुलिस की अनुपस्थिति से प्रशासनिक उदासीनता स्पष्ट रूप से उजागर हो गई।

स्थानीय लोगों और प्रबुद्धजनों का कहना है कि जब तक नारायणपुर अंचल और भवानीपुर थाना प्रशासन की मिलीभगत से चल रही इस व्यवस्था पर सख्ती नहीं होगी, मधुरापुर बाजार में जाम से मुक्ति मिलना मुश्किल है।

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