


नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में 5 वर्षीय बच्ची की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद हंगामे और डॉक्टर पर लापरवाही के आरोपों के बीच मंगलवार को नवगछिया नगर परिषद के सभापति प्रतिनिधि प्रेम सागर उर्फ डब्लू यादव अस्पताल पहुंचे। स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में अस्पताल की दुर्व्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जताई।

प्रेम सागर उर्फ डब्लू यादव ने कहा कि नवगछिया नगर परिषद का यह अस्पताल नगर का सबसे सुंदर और सुविधाजनक अस्पताल हुआ करता था। नगर परिषद द्वारा इसमें कई विकास कार्य कराए गए हैं व इसकी बेहतरी के लिए लगातार प्रयास जारी रहते हैं। लेकिन हाल के दिनों में प्रबंधन में हुए बदलाव के बाद अस्पताल की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है।

उन्होंने बताया कि बच्ची को अस्पताल लाने के बाद न तो उसके घाव की ठीक से सफाई की गई और न ही बैंडेज लगाया गया। सीधे एक इंजेक्शन देकर परिजनों को मायागंज रेफर कर दिया गया। वही मौके पर इलाज कराने पहुंचे एक बालक मरीज को बिना बैंडेज पट्टी का ही मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया गया था ।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई बार अस्पताल में यह कहा जाता है कि “व्यवस्था नहीं है” — न सुई, न दवा, न पट्टी।
सभापति प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि अनुमंडलीय अस्पताल से जानबूझकर मरीजों को निजी क्लीनिकों में भेजा जाता है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता के लिए बनी इस सरकारी सुविधा में इस तरह का संदिग्ध रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने अस्पताल में अवैध रूप से पैसे के लेन-देन और दलाली जैसे गंभीर आरोपों की जांच की भी मांग की।
प्रेम सागर यादव ने कहा कि वे इस पूरे मामले की जानकारी नवगछिया एसडीओ और भागलपुर डीएम को लिखित रूप से देंगे। उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल की व्यवस्था में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो नगर परिषद भी अपने स्तर से आंदोलन करने को बाध्य होगी।
