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नवगछिया : बिहार के सभी राजस्व कर्मचारियों के 7 मई से शुरू हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर अब आम लोगों और किसानों पर साफ दिखने लगा है। प्रखंड कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ गया है, जिससे किसानों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

हड़ताल के चलते न रसीद कट रही है, न ही काबिल लगान टूट रहा है और न ही म्युटेशन जैसे जरूरी कार्य हो पा रहे हैं। भूमि सर्वेक्षण का कार्य भी ठप है, जिससे सरकार द्वारा निर्धारित अल्टीमेटम के बावजूद किसान शपथ पत्र नहीं भर पा रहे हैं।

किसान शंभू मंडल ने बताया कि सर्वे साइट कब बंद हो जाएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है, जिससे किसान असमंजस में हैं। वहीं नागेश्वर यादव ने बताया कि उनके ऑनलाइन जमीन रिकॉर्ड में नाम की गलती है, लेकिन राजस्व कर्मचारी हड़ताल पर हैं, तो उसमें सुधार नहीं हो पा रहा है।

लाल कार्ड धारकों की भी समस्याएं सामने आई हैं। एक लाभुक ने बताया कि उन्हें 1.50 डिसमिल जमीन का पर्चा मिला है, लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड में केवल 1.5 डिसमिल ही दर्ज है, जिससे वे परेशान हैं।

राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल के चलते आंचल कार्यालय में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, जिससे आम जनता, खासकर किसान, बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

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