नवगछिया के अलग-अलग क्षेत्रों में वट सावित्री की पूजा सोमवती अमावस्या के साथ किया गया। वट सावित्री की पूजा को लेकर के महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर रही थी। वही सोमवती अमावस्या को लेकर के पीपल के पेड़ की भी पूजा की जा रही थी। इस सोमवारी अमावस्या एवं वट सावित्री अमावस्या को लेकर के पंडित कनकीर झा बताते हैं कि विवाहिता अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री की पूजा करती हैं।
इसी के दिन से बरसात का दिन प्रारंभ हो जाता है। पंडित कनकीड झा ने बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन भी पति की लंबी आयु के लिए लोग पीपल के पेड़ का पूजा करते हैं। इस पूजा को लेकर के यहां पर महिलाओं के द्वारा फल-फूल आदि से किया जाता है।