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भागलपुर: बिहार सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने की दिशा में चलाई जा रही योजनाएं अब ज़मीन पर असर दिखा रही हैं। जिले भर में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रमों ने न केवल महिलाओं को अपनी बात खुलकर रखने का मंच दिया है, बल्कि इन कार्यक्रमों से अब तक 3 लाख 43 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।

इन कार्यक्रमों की सफलता की कहानी खुद सन्हौला प्रखंड की छोटी सी छात्रा दीपिका कुमारी बयां करती है। उसने आत्मविश्वास से बताया कि “मुख्यमंत्री जी की योजना के तहत स्कूल में मुझे किताबें, बैग और छात्रवृत्ति मिली है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री जी का दिल से धन्यवाद करती हूँ।” दीपिका की बातें राज्य में महिला सशक्तीकरण की दिशा में हो रहे वास्तविक परिवर्तन की मिसाल हैं।

अब तक जिले के 1575 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। इन संवादों के माध्यम से महिलाएं न केवल सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हुई हैं, बल्कि उन्होंने अपनी 31 हजार से अधिक आकांक्षाएं भी दर्ज करवाई हैं। इन आकांक्षाओं को मोबाइल एप के माध्यम से संरक्षित किया गया है और जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों को प्रेषित कर उनके निपटारे की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है।

महिला संवाद में महिलाओं की भागीदारी के साथ-साथ करीब 27 हजार पुरुषों ने भी सक्रिय सहभागिता दिखाई है, जो सामाजिक परिवर्तन के व्यापक प्रभाव का संकेत है। हर दिन जिले के 30 ग्राम संगठनों में औसतन 7 हजार महिलाएं संवाद कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं।

नाथनगर, नवगछिया, सबौर, गोराडीह, जगदीशपुर, इस्माईलपुर, खरीक, सन्हौला, शाहकुंड और सुल्तानगंज प्रखंड में अभी भी महिला संवाद कार्यक्रम जारी हैं, जबकि बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, कहलगाँव, नारायणपुर और रंगरा चौक में कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है।

भागलपुर जिले में कुल 1820 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं, जो सामाजिक सहभागिता और सुशासन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

महिला संवाद सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बिहार की महिलाओं को नई दिशा, नई आवाज़ और नए अधिकारों से जोड़ने का सार्थक प्रयास है।

महिला संवाद कार्यक्रमों से दिख रहा बदलाव, 3.43 लाख से अधिक महिलाएं हुईं सशक्त, 31 हजार से अधिक आकांक्षाएं दर्ज

भागलपुर: बिहार सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने की दिशा में चलाई जा रही योजनाएं अब ज़मीन पर असर दिखा रही हैं। जिले भर में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रमों ने न केवल महिलाओं को अपनी बात खुलकर रखने का मंच दिया है, बल्कि इन कार्यक्रमों से अब तक 3 लाख 43 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।

इन कार्यक्रमों की सफलता की कहानी खुद सन्हौला प्रखंड की छोटी सी छात्रा दीपिका कुमारी बयां करती है। उसने आत्मविश्वास से बताया कि “मुख्यमंत्री जी की योजना के तहत स्कूल में मुझे किताबें, बैग और छात्रवृत्ति मिली है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री जी का दिल से धन्यवाद करती हूँ।” दीपिका की बातें राज्य में महिला सशक्तीकरण की दिशा में हो रहे वास्तविक परिवर्तन की मिसाल हैं।

अब तक जिले के 1575 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। इन संवादों के माध्यम से महिलाएं न केवल सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हुई हैं, बल्कि उन्होंने अपनी 31 हजार से अधिक आकांक्षाएं भी दर्ज करवाई हैं। इन आकांक्षाओं को मोबाइल एप के माध्यम से संरक्षित किया गया है और जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों को प्रेषित कर उनके निपटारे की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है।

महिला संवाद में महिलाओं की भागीदारी के साथ-साथ करीब 27 हजार पुरुषों ने भी सक्रिय सहभागिता दिखाई है, जो सामाजिक परिवर्तन के व्यापक प्रभाव का संकेत है। हर दिन जिले के 30 ग्राम संगठनों में औसतन 7 हजार महिलाएं संवाद कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं।

नाथनगर, नवगछिया, सबौर, गोराडीह, जगदीशपुर, इस्माईलपुर, खरीक, सन्हौला, शाहकुंड और सुल्तानगंज प्रखंड में अभी भी महिला संवाद कार्यक्रम जारी हैं, जबकि बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, कहलगाँव, नारायणपुर और रंगरा चौक में कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है।

भागलपुर जिले में कुल 1820 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं, जो सामाजिक सहभागिता और सुशासन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

महिला संवाद सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बिहार की महिलाओं को नई दिशा, नई आवाज़ और नए अधिकारों से जोड़ने का सार्थक प्रयास है।

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