


भागलपुर जिले के झंडापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कुमर टोला निवासी और वर्तमान में आदमपुर स्थित नारायण रेसीडेंसी, नया बाजार में रह रहे मनोज कुमार न्याय के लिए एक वर्ष से अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। आरोप है कि उनके पिता कृष्णानंद कुमर ने उन्हें मृत घोषित कर सारा पुश्तैनी संपत्ति छोटे पुत्र मनीष कुमार के नाम कर दी है।
पीड़ित मनोज कुमार ने राज्य मानवाधिकार आयोग, बिहार पटना, भागलपुर डीएम, एसएसपी, नवगछिया एसपी और स्थानीय थाना को आवेदन देकर खुद के जीवित होने के प्रमाण सौंपे हैं।

मनोज ने अपने आवेदन में बताया कि वर्ष 1999 में उन्होंने प्रेम विवाह किया था, जिससे नाराज होकर उनके पिता ने उन्हें पत्नी सहित घर से निकाल दिया और जान से मारने की धमकी दी। डरकर वे दिल्ली चले गए और वहां काम कर जीवन यापन करने लगे। 2015 में मां की मृत्यु के समय वे घर लौटे, लेकिन पिता और छोटे भाई ने उन्हें घर में घुसने नहीं दिया।
पीड़ित का आरोप है कि वर्ष 2003 में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया और स्वत्व वाद संख्या 47/2003 के तहत 2023 में नवगछिया न्यायालय में उनके नाम की पूरी संपत्ति छोटे भाई के नाम कर दी गई। इसके बाद मामला लोक अदालत भेजा गया और एक फर्जी सुलहनामा तैयार किया गया।

मनोज का कहना है कि यह संपत्ति पुश्तैनी है, जिस पर उनका पूरा अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता, जो पेशे से वकील हैं, ने कानून का दुरुपयोग कर उन्हें संपत्ति से वंचित कर दिया। झूठे गवाहों और फर्जी एफिडेविट के आधार पर उन्हें मृत घोषित किया गया।
मनोज ने बताया कि अब वे गंभीर रूप से बीमार हैं और उनकी दो बेटियां हैं। जब वे हाल में सर्वे के दौरान गांव गए तो पिता और भाई ने उन्हें फिर से घर से भगा दिया। निबंधन कार्यालय से जानकारी मिलने पर उन्हें पता चला कि पूरी संपत्ति मनीष कुमार के नाम की जा चुकी है।
पीड़ित ने शासन और प्रशासन से निष्पक्ष जांच और न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ संपत्ति का मामला नहीं, बल्कि उनके अस्तित्व को मिटाने की साजिश है।
भागलपुर डीएम और नवगछिया एसपी से मोबाइल पर संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन जवाब नहीं मिला। मामला बेहद गंभीर है और प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग कर रहा है।
