


नवगछिया के बाल भारती विद्यालय परिसर में मंजूषा कला प्रशिक्षण केंद्र, नवगछिया विकास समिति एवं बिखुला विषहरी पूजा समिति के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे मंजूषा समर कैंप का चौथा दिन नन्हें कलाकारों की रंगों से सजी कल्पनाओं का साक्षी बना।
इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों से आए लगभग 70 बच्चों ने अंग प्रदेश की पारंपरिक लोक कला मंजूषा को कूची और रंगों से जीवंत किया। कार्यक्रम संयोजक मुकेश राणा ने बताया कि यह समर कैंप नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने की एक अभिनव पहल है।

समर कैंप में मंजूषा कला के गुरु मनोज कुमार पंडित बच्चों को नवगछिया उजनी की बेटी सती बिहुला की गौरवशाली कथा सुनाकर कला की पृष्ठभूमि से परिचित करा रहे हैं। साथ ही उन्होंने मंजूषा की बारीकियों, चित्र शैली और रंगों की विशेषताओं पर भी बच्चों को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि “अपनी संस्कृति ही अपना धरोहर है, और इसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा दायित्व है।”

प्रसिद्ध मंजूषा कलाकार अश्वनी आनंद और खुशी श्री भी प्रशिक्षण कार्य में सहयोग कर रहे हैं। इस आयोजन को सफल बनाने में बाल भारती विद्यालय का विशेष योगदान रहा है, जो कला और संस्कृति के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में प्राचार्या सुमन देवी, पार्षद चम्पा कुमारी, ताइक्वांडो के राष्ट्रीय रेफरी घनश्याम प्रसाद, संजीत विश्वकर्मा, रीतेश केजरीवाल, अनीष यादव और नितिन सिंह सहित कई लोग सहयोग कर रहे हैं।
