


नारायणपुर : गुरुवार को नारायणपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में भूमिहीन महादलित परिवारों ने वास योग्य और जलजमाव मुक्त जमीन की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन चकरामी गांव के रोहित दास के नेतृत्व में किया गया, जिन्होंने बताया कि वे लोग 1974 में गंगा कटाव के कारण विस्थापित हुए थे और तब से रेलवे की जमीन पर किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं।

रोहित दास ने बताया कि 27 महादलित परिवारों को पूर्व में जो जमीन का पर्चा आवंटित किया गया था, वह जमीन समतल नहीं होकर लगभग 15 फीट गहरे गड्ढे में है, जिससे वहां रहना असंभव है। प्रदर्शन कर रहे विस्थापितों ने मांग की कि उन्हें उसी क्षेत्र में स्थित बिहार सरकार की अनावाद जमीन का पर्चा वासयोग्य स्थिति में दिया जाए।
धरना के दौरान विस्थापितों ने इस संबंध में एक ज्ञापन अंचल कार्यालय नारायणपुर को भी सौंपा। मौके पर दिनेश दास, गौतम प्रतीम, आशा देवी, रीता देवी, छंगुरी राम, रौशन, पूनम सहित अन्य स्थानीय ग्रामीण भी मौजूद थे।
धरना शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, लेकिन भूमिहीनों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
