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नवगछिया के ज्ञान वाटिका विद्यालय, जो अपने समर्पित शिक्षण और सह-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, के समर कैंप का दूसरा दिन बेहद रोमांचक और रंगीन रहा। इस दिन बच्चों ने खेलों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

दिन की शुरुआत कक्षा तृतीय और चतुर्थ के बच्चों के बीच फ्रेंडली क्रिकेट मैच से हुई। दोनों टीमों ने जोश और खेल भावना के साथ मैदान में उतरकर प्रतिस्पर्धा की। कक्षा चतुर्थ की टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मैच अपने नाम किया। मैदान में बच्चों की उमंग, उत्साह और टीम वर्क देखकर सभी अभिभावक और शिक्षक भी प्रभावित हुए।

इसी के साथ खो-खो प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें कक्षा अष्टम के छात्रों ने कक्षा सप्तम के छात्रों को कड़ी टक्कर देते हुए पराजित किया। इस मुकाबले ने बच्चों के बीच खेल भावना के साथ-साथ अनुशासन और सहयोग की भावना को भी मजबूत किया।

खेल गतिविधियों के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर शुरू हुआ। बालिका वर्ग की छात्राओं ने झिझिया लोकनृत्य प्रस्तुत किया, जो अपने पारंपरिक स्वरूप और सहज सौंदर्य के कारण सभी के दिलों को छू गया। उनकी प्रस्तुति में नृत्य की सहजता और भाव भंगिमा ने दर्शकों का मन मोह लिया।

वहीं नर्सरी और एलकेजी के नन्हें-मुन्ने बच्चे भी पीछे नहीं रहे। निशु मैम, समीक्षा मैम और मीनाक्षी मैम के निर्देशन में बच्चों ने कई रोचक गतिविधियां कीं, जिनमें उनकी समझ, सहनशीलता और संवाद कौशल का विकास हुआ। इन बच्चों ने बेहद स्वाभाविक तरीके से अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिससे वहां मौजूद सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए।

साथ ही, बच्चों को सेना से रिटायर्ड सूबेदार राकेश सिंह के निर्देशन में लेइंग पोजिशन में शूटिंग का प्रशिक्षण भी दिया गया। यह एक नया और अनोखा अनुभव था, जिसने बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया। बच्चों ने बड़े ही ध्यान और लगन से इस प्रशिक्षण को स्वीकार किया।

विद्यालय के संरक्षक नीलेश कुमार झा ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब वे केवल किताबों तक सीमित न रहें बल्कि खेल, संस्कृति और अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लें। ज्ञान वाटिका विद्यालय इसी सोच के साथ बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सांस्कृतिक विकास पर विशेष ध्यान देता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों में नेतृत्व, टीम भावना और आत्मविश्वास जैसे गुणों को बढ़ावा देते हैं।

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नीलेश कुमार झा, विद्यालय संरक्षक
“बिना सह-शैक्षणिक गतिविधियों के बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। ज्ञान वाटिका विद्यालय हमेशा से बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देता रहा है।”

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निशु मैम, शिक्षिका
“नन्हें बच्चों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। उनकी छोटी-छोटी कोशिशें ही भविष्य की बड़ी उपलब्धियां बनेंगी।”

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राकेश सिंह, सेना से रिटायर्ड सूबेदार
“शूटिंग के अभ्यास से बच्चों में आत्मनिर्भरता और अनुशासन आता है। हमें बच्चों को बहुआयामी विकास के लिए प्रेरित करना चाहिए।”

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