


भागलपुर : बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय रचा जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महिला संवाद कार्यक्रमों के जरिए अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ न केवल योजनाओं से लाभान्वित हो रही हैं, बल्कि राज्य की विकास नीतियों में भी अपनी भागीदारी निभा रही हैं।
अब तक जिले में कुल 1,725 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रमों का आयोजन हो चुका है, जिसमें 3 लाख 76 हजार से अधिक महिलाएँ शामिल हुई हैं। संवाद के दौरान 33 हजार से ज्यादा आकांक्षाओं को मोबाइल ऐप पर दर्ज किया गया है, जिन्हें विभागवार वर्गीकृत कर संबंधित विभागों को भेजा गया है।

गोराडीह प्रखंड के नदियामा पंचायत में सोनालिका ग्राम संगठन की सदस्य रूबी देवी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए महिलाओं से राय लेगी। सबौर के बैजलपुर गांव की कौशल्या देवी ने कहा कि सरकार की योजनाओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है और बेटियों की पढ़ाई के लिए भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
शाहकुंड प्रखंड के दरियापुर पंचायत में आयोजित संवाद कार्यक्रम में नल-जल योजना की महिलाओं ने सराहना की। उन्होंने कहा कि गर्मियों में जब जलस्रोत सूख जाते हैं, तब यह योजना किसी वरदान से कम नहीं लगती। हालांकि उन्होंने नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर मरम्मती की मांग भी की।

शनिवार को जिले के नाथनगर, नवगछिया, सबौर, गोराडीह, जगदीशपुर, खरीक, सन्हौला, शाहकुंड और सुल्तानगंज के 30 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक सुनिर्मल गरेन ने बताया कि अब तक इन कार्यक्रमों में 30 हजार 303 पुरुषों ने भी सहभागिता की है।
