


नवगछिया पुलिस जिला के खरीक थाना क्षेत्र का मामला
नवगछिया एसपी नें कहा – जाँच के बाद होगी कार्रवाई
नवगछिया पुलिस जिला के खरीक थाना क्षेत्र से एक नाबालिग बच्चे के साथ अमानवीय व्यवहार और जबरन चोरी करवाने का गंभीर मामला सामने आया है। यह मामला तब और संजीदा हो गया जब घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें बच्चे के साथ मारपीट की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीक थाना क्षेत्र के तेलघी गांव निवासी एक नाबालिग (उम्र 12 वर्ष) के साथ पड़ोस के ही कुछ किशोरों द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी। आरोप है कि उक्त नाबालिग से बीते डेढ़ महीने से लगातार उसके ही घर से पैसे चोरी करवाए जा रहे थे। पैसे नहीं चुराने या चुराकर नहीं देने की स्थिति में उसे बुरी तरह पीटा जाता था।
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि तीन-चार किशोर एक नाबालिग को मोटी लकड़ी से बेरहमी से पीटते हैं। यह मारपीट उसके ही घर में की जाती थी और इसका वीडियो बनाकर डराने-धमकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

पीड़ित नाबालिग एक निजी स्कूल में छठी कक्षा का छात्र है। उसने अपने माता-पिता को बताया कि मारपीट और धमकी के कारण उसने डर से घर में रखे अलग-अलग स्थानों से अब तक लगभग 45 हजार रुपये की चोरी की है। यह सिलसिला पिछले डेढ़ महीने से चल रहा था।
परिवार को इस घटना की जानकारी तब हुई जब 8 जून को नाबालिग की मां ने घर में रखे पैसे गायब पाए। जब उन्होंने बेटे से कड़ाई से पूछताछ की, तो वह रोते हुए पूरी घटना को विस्तार से बताया।
इसके बाद पीड़ित परिवार खरीक थाना पहुंचा और एक लिखित आवेदन देकर पड़ोस के कुछ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि आवेदन देने के बावजूद खरीक थाना की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक पहुंची, तब जाकर कुछ हलचल हुई। पीड़ित के पिता का यह भी आरोप है कि पुलिस द्वारा दिए गए आवेदन को बदल दिया गया है और कुछ अभियुक्तों के नाम जानबूझकर हटा दिए गए हैं।
इसको लेकर खरीक थाना के एक एसआई और पीड़ित परिजनों के बीच कहासुनी भी हुई।
इस संबंध में नवगछिया के पुलिस अधीक्षक प्रेरणा कुमार ने बताया कि फिलहाल उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन वायरल वीडियो की जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो अभियुक्तों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बच्चे के साथ हुए इस प्रकार के अमानवीय व्यवहार ने न केवल क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है बल्कि बाल अधिकारों के संरक्षण और बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े किए हैं। मामला संवेदनशील है और इसमें किशोर न्याय अधिनियम समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जानी आवश्यक है।
