


भागलपुर। मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 यानी रेरा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में रेरा के सचिव आलोक कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में रेरा टीम ने जानकारी दी कि गोराडीह, सबौर और जगदीशपुर क्षेत्रों में निर्माणाधीन कई अपार्टमेंट तथा भूमि प्लॉटिंग का सर्वेक्षण किया गया है। निबंधन कार्यालय एवं अंचल कार्यालय से जमीन मालिक की पहचान, खेसरा और खाता संख्या प्राप्त होते ही उनके विरुद्ध नोटिस जारी करने सहित अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रेरा अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शहरी क्षेत्र में जितने भी अपार्टमेंट या प्लॉटिंग कर भूमि बेची जा रही है, उनका रेरा से निबंधन अनिवार्य है।

जिलाधिकारी डॉ. चौधरी ने रेरा की टीम को निर्देश दिया कि जमीन मालिक की पहचान के लिए जमीनी स्तर पर ठोस कार्य किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस कार्य में बिजली विभाग की भी सहायता ली जा सकती है, क्योंकि बिना बिजली के कोई भी निर्माण कार्य संभव नहीं है। यदि किसी अपार्टमेंट या भवन का रेरा से निबंधन नहीं है, तो उसकी बिजली आपूर्ति काट दी जाएगी।
इसके अलावा जिलाधिकारी ने रेरा अधिकारियों को नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर, बिना निबंधन के बनाए जा रहे अपार्टमेंट पर सख्त कार्रवाई करने का भी सुझाव दिया।
