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निगरानी विभाग द्वारा कराए गए जांच में प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय लीलूडीह में कार्यरत शिक्षक राजेंद्र पासवान पिता संतु पासवान ग्राम हरियाधी का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है। सर्टिफिकेट फर्जी पाए जाने के बाद निगरानी विभाग के आदेश के आलोक में चकाई पुलिस ने कांड संख्या 64/ 22 दर्ज कर लिया है और मामले की जांच पड़ताल प्रारंभ कर दी है। निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से प्रखंड के फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

निगरानी विभाग द्वारा चकाई थानाध्यक्ष को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निगरानी विभाग को उक्त शिक्षक के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक अंक पत्रों एवं प्रमाण पत्रों की जांच के लिए जिला स्तर पर पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी। इसके बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी चकाई द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर के अवलोकन से पाया गया कि पंचायत शिक्षक राजेंद्र पासवान का नियोजन वर्ष 2006 में पंचायत शिक्षक के रूप में हुआ।

उक्त शिक्षक द्वारा उच्च न्यायालय पटना द्वारा निर्धारित एमनिस्ट पीरियड में त्यागपत्र समर्पित नहीं किया गया है। नियोजित पंचायत शिक्षक राजेंद्र पासवान ने वर्ष 2006 में शिक्षक नियोजन हेतु नियोजित इकाई ग्राम पंचायत इकाई में कक्षा एक से पांच तक के लिए आवेदन किया था। इनका नियोजन मैट्रिक के अंक पत्र के आधार पर पंचायत शिक्षक के रूप में हुआ है। राजेंद्र पासवान का मैट्रिक का अंकपत्र रोल कोड 2204 रोल नंबर 0220 वर्ष 1993 प्राप्तांक 658 श्रेणी प्रथम को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना सत्यापन के लिए भेजा गया। सत्यापन में पाया गया कि राजेंद्र पासवान का मैट्रिक का अंकपत्र चंचला कुमारी पिता शिव शंकर प्रसाद रोल कोड 2204 रोल नंबर 0220 वर्ष 1993 प्राप्तांक 402 श्रेणी तृतीय दर्ज है। इस प्रकार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा अपने प्रतिवेदन में उक्त अंकपत्र को फर्जी बताया गया है।

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