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भागलपुर जिले का एक गांव इन दिनों पूरे क्षेत्र में एक अलग पहचान बना चुका है। कोयली खुटाहा गांव अब “फौजियों का गांव” के नाम से जाना जाता है। इस गांव के हर गली, हर घर से सेना में जाने की प्रेरणा मिलती है। इस परंपरा की शुरुआत की थी गांव के छबि लाल यादव ने, जिनकी उम्र अब 90 वर्ष हो चुकी है।

छबि लाल यादव ने शुरुआती दिनों में लगभग 100 युवाओं को सेना में भर्ती करवाया। उन्होंने सिर्फ युवाओं को प्रेरित ही नहीं किया, बल्कि कभी-कभी दबाव बनाकर भी उन्हें देशसेवा के लिए तैयार किया। आज गांव के 1500 से ज्यादा युवक भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं या दे रहे हैं। छबि लाल यादव का मानना है कि देशसेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।

छबि लाल यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी जवानी देश को समर्पित कर दी। वह आज भी देश की सुरक्षा के मुद्दों पर सजग रहते हैं। हाल ही में पाकिस्तान की ओर से हुए हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इसका मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए और आतंकवाद को जड़ से खत्म करना चाहिए।

1971 की जंग लड़ चुके रिटायर्ड फौजी शेखर यादव ने भी कहा कि जैसे उस समय भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था, वैसे ही आज के जवानों को भी आतंकवाद के खिलाफ उसी हौसले से लड़ना होगा।

छबि लाल यादव के नाती ने गर्व के साथ कहा कि उनके दादा की वजह से गांव को एक नई पहचान मिली है और युवा आज भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए सेना में भर्ती हो रहे हैं।

गांव के अन्य रिटायर्ड फौजियों जैसे अजय यादव और शेखर यादव ने भी इस परंपरा को जारी रखने की बात कही और कहा कि कोयली खुटाहा देशभक्ति की मिसाल है।

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