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जीएस न्यूज , नवगछिया

नवगछिया व आस पास के इलाके के जाने माने कवि रंगरा के सधुवा निवासी श्याम नारायण तूफान नहीं रहे. गुरूवार को उन्होंने अपने पैतृक आवास पर देह त्याग किया. वे 82 वर्ष के थे. शुक्रवार को उनका दाह संस्कार गंगा घाट पर किया गया. मालूम हो कि इलाकाई कविता और साहित्य जगत में श्री तूफान करीब सात दशकों तक सक्रिय रहे. उन्होंने स्थानीय स्तर से निकलने वाली कई पत्र पत्रिकाओं का संपादन भी किया. वर्ष 1990 के दशक में उनकी इनकलाबी कलम नामक साहित्यिक पत्रिका काफी लोकप्रिय हुई थी.

मंच पर वे क्रांतिकारी कवि के रूप में विख्यात थे. सामाजिक विसंगती और आवाम की आवाज को उठाया करते थे. एक वर्ष पहले तक वे इलाके में होने वाले विभिन्न कवि सम्मेलनों में सक्रियता से भाग लेते रहे हैं. जानकारी के अनुसार वे अपने पीछे दो पुत्र प्रभात कुमार, प्रसून कुमार, पुत्री उषा देवी और नंदनी भारती के भरे पूरे परिवार को पीछे छोड़ गये हैं. उनके नाती प्रशात भारती ने बताया कि गुरूवार को नाना का जन्मदिन भी था. उन्होंने देर शाम केक काट कर परिजनों के साथ जन्मदिन मनाया और 10.15 बजे दूध पीने के बाद उनकी सासें फूलने लगी और एकाएक उन्होंने प्राण त्याग दिया. शुक्रवार को बटेश्वर स्थान पर उनका दाह संस्कार किया गया. कवियों और साहित्यारों ने व्यक्त की संवेदना

श्री तूफान के निधन की सूचना फैसले मिलते ही साहित्यकारों और कवियों में शोक की लहर दौड़ गयी. अंगिका ध्वनि वैज्ञानिक डा रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास ने कहा कि तूफान जी इलाकाई साहित्य जगह की रीढ़ थे. उनका चले जाना अपूरणीय क्षति है. जबकि कवि श्रवण बिहारी, अंगिका साहित्य कला मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनय कुमार दर्शन, कवि ब्रह्मदेव ब्रह्म, अनिल कुमार बेकार, मनोज कुमार माही, गौतम कुमार प्रीतम, गीतकार गुलशन कुमार, गीतकार चंद्रकांत मंडल, रत्नेश शर्मा, डा विमलेन्दु शर्मा, डा मीरा झा समेत अन्य ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की है.

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