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नवगछिया : रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद के सानिध्य में योगपीठ से भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें तीन हजार से अधिक लोग शामिल थे. इस दौरान सनातन संस्कृति की रक्षा करने, भारत को विश्व गुरु बनाने, हिन्दी, हिंदू, हिन्दुत्व, हिन्दुस्थान के लिए स्वयं को समर्पित करने का आह्वान किया. स्वामी आगमानन्द जी महाराज ने भारतीय नववर्ष की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला. खगडा में आज से प्रारंभ हो रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्री रामकथा महायज्ञ और नव संवत्सर समारोह का शुभारंभ किया. उद्घाटन स्वामी आगमानन्द के अलावा पूर्व कुलपति प्रो एके राय, प्रो नृपेन्द्र प्रसाद वर्मा, डॉ आशा तिवारी ओझा, डा ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, राजीव कांत मिश्र, हरिशंकर ओझा, प्रो अशोक ठाकुर, गीतकार राजकुमार,

शिव प्रेमानंद भाई जी, कुंदन बाबा, डा मृत्युंजय सिंह गंगा, दिलीप शास्त्री, सिया शरण पोद्दार, विनय परिमार, मुरारी द्विज ने किया. संचालन डॉ मिहिर मोहन मिश्र सुमन ने किया.

स्वामी आगमानंद ने कहा कि हम भारतीयों को चैत्र शुक्ल पक्ष एक को ही नव संवत्सर मनाना चाहिए. इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी. शको को पराजित कर विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की स्थापना की. य़ह दिन किसी उत्सव से कम नहीं है.

स्वामी आगमानंद ने कहा कि हम कोई भी कार्य हिन्दी तिथि के अनुसार करें. जन्मदिन या वैवाहिक समारोह हिन्दी तिथि के अनुसार मनाएं. उन्होंने कहा कि आज से देवी दुर्गा की आराधना शुरू हो रही है. यह तिथि भगवान राम से भी जुड़ा है. नवमी तिथि को भगवान राम का अवतरण हुआ है. इसके पूर्व खगडा में यज्ञ शुरू होने के पूर्व 5000 से ज्यादा महिलाओं ने कलश शोभा यात्रा निकाली. स्वामी आगमानंद जी मौजूद रहे. उन्होंने सभी को विक्रम संवत 2081 की सभी को शुभकामनाएं दी. गीतकार राजकुमार ने अपनी स्वरचित रचना सुनाकर सबको भावविभोर कर दिया. धन्यवाद ज्ञापन मनोरंजन प्रसाद सिंह ने किया.

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